खामोशी.. .
क्या है खामोशी?..
बताता हूँ
खामोशी एक रंग है जो खुद में सफैद है
खामोशी वो आजादी है जो खुद में कैद है
खामोशी राग है एक षड्यन्त्र है
ये रीत है प्रित है एक सन्कल्प है
कैकेयी की खामोशी ने दशरथ को मार डाला
भरत को राज और राम को वनवास दे डाला
खामोशी वो सर्वश्रेष्ठ पुत्र श्रवण कुमार है
खामोशी खुद क्रोधित ब्राह्मण परशुराम है
खामोशी वो वाक्य है जो अधुरी कहानी बयान करती है
खामोशी वो आवेश है जो क्रोध को नया करती है
खामोशी जीने की क्षमता है
और खामोशी प्यारी माँ की ममता है
जैसे बातो के बीच न बताने का सन्केत
भरी आँखो में दर्द का संकेत
लाल आँखो मे क्रोध का संकेत
बन्द आंखे सहनशक्ति का संकेत
खामोशी प्यार है क्रोध है अभिमान है
खामोसी नाराजगी भय और सम्मान है
खामोशी जिन्दा रखने वाला जहर है
खामोशी सुनामी की पहली लहर है
खामोशी माथे पर उभरी वो रेखा है
ये सर्वपरिस्थिति देख अनदेखा है
खामोसी एक प्रकाश है जो अन्दर काली है
खामोशी वो कपास जो खुद में भारी है ....
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