TUJHE YAAD KARNE ME
तूझे याद करने में
"तेरे इश्क की चाहत कुछ इस तरह रही,
कि सबको भुल गया तूझे याद करने में।
आंखो मे सन्जोये थे कई सारे सपनें,
उनको आंसुओ मे बहा गया तूझे याद करने में।
कहना बहोत कुछ था तुमसे जब फासले बढ़ गये,
बस जुबां रूठ गयी तूझे याद करने में।
जिन्दगी जीने का बेसुमार शौक था मुझे,
अब यूँ ही कट रही है तूझे याद करने में।
शब्दों को सहारा बना लिया है उस लठ की तरह,
और बेवफाई लिख न पाया तूझे याद करने में।
बारिशों की उन बुंदो मे तेरी झलक देखता हूँ,
बस भींगना भुल गया तूझे याद करने मे।"
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