HEY !!! Your Ashish here, I write, whatever I feel.....love to write the hindi-urdu shayari,nazm and gazals.......... If you like please share and follow my blog site,, I have a great desire to write a book with the title of .." A voice, Who can't speak"
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गाँव ही मेरा शहर लगता है।
(गाँव ही मेरा शहर लगता है।) ○○○○○○ मुझे क्यूं सफेद कागजों में भी कोई खबर लगता है बड़े इमारतों का शुक्रिया गाँव ही मे...
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मिट्टी का खिलौना मैं मिट्टी का खिलौना हूँ जो बाहर से सख्त है लेकिन भीतर से कमजोर हूँ जरा याद रखना दर्द मुझे भी होता...
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बढ़ाते चलो कदम्, कब तक? मंजिल मिल नहीं जाती तब तक जमाना बदलेगा समय बदलेगा मगर भुलना नहीं है साथ छुटेगा नये लोग मिलेंगे मगर...
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