तु चल झपट, पलट नहीं
तु चल झपट, पलट नहीं
मन्जर तेरे साथ है
न कर कपट लपट ले बस
जो पास सारी रात है
बिता हुआ तु भुल जा
अग्रपथ बस तु याद रख
तु चल झपट पलट नहीं
कायनात तेरे साथ है
तु अग्निअह्न्कार है
तु चोट का प्रहार है
दुश्मनो से क्या है डर
जब दुश्मनो का यार है
कृपाण सा तु धार है
झान्क कर तु देख जरा
तु सर्वशक्तिशाली है
तु चल झपट पलट नहीं
दिन दिवस तेरे साथ है
तु हार मान क्यों रहा
एक दिन और तु देख ले
है रोक जो तुझे रहा
दर्पण जरा तु देख ले
श्रम पर तु ध्यान दे
मेहनत पर विश्वास रख
चलना प्रारंभ कर
और कर बस यही शपथ
तु चल झपट पलट नहीं
ब्रह्म तेरे साथ है
Enticing, keep writting Ashish
ReplyDeletethank u dear
DeleteSuperb ytr
ReplyDeleteThaank u dear
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