मिट्टी का खिलौना
मैं मिट्टी का खिलौना हूँ
जो बाहर से सख्त है
लेकिन भीतर से कमजोर हूँ
जरा याद रखना दर्द मुझे भी होता है
जो भी आये मुझसे खेल जाये
दिल भरने पर खुले में छोड़ आये
अब तुझसे मिलने का खौफ होता है
जरा याद रखना दर्द मुझे भी होता है
ठीक उस खिलौने की तरह बेबस और बेकार हुँ
सच सामने है मगर झूठ बोलने को लाचार हुँ
खुद मिट्टी हुँ अब तूझे इसमे मिलाने का एहसास होता है
जरा याद रखना दर्द मुझे व होता है
मत सजाओ न निखारो मुझे बार बार
मै अकेला ही ठीक हुँ, खुश हुँ
खुशी देने के नाम पर हक छिन लेते हो बार बार
तेरे इन हरकतो से मेर खुन खौलता है
जरा याद रखना दर्द मुझे भी होता है